किताबें : लेखन, सम्पादन, अनुवाद

लेखन

लेखक के रूप में विभिन्न प्रकार से काम किया है I मुख्य लेखक, सहलेखक तथा अध्याय लेखक के तौर पर कुछ काम किये हैं I

प्रतापगढ़ का साहित्यिक अवदान

ये किताब मेरे गृह जनपद प्रतापगढ़ के साहित्यकारों पर आधारित लगभग 500 पृष्ठों की किताब है I इसका प्रकाशन सन 2010 में हुआ था I इस किताब में दो अन्य लेखकों के साथ लेखकीय सहयोग दिया गया था I

 

रीतिकाव्य : मूल्यांकन के नये आयाम

ये प्रो. प्रभाकर सिंह जी (हिन्दीविभाग, बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी) द्वारा सम्पादित पुस्तक है I इसमें एक अध्याय ‘रीतिकाव्य में नारीनिरूपण पर कुछ टिप्पणी’ नाम से है I

सम्पादन

सम्पादन के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के काम किये I किताबों और पत्रिकाओं में मुख्य सम्पादक तथा सहसम्पादक के रूप में कार्य किया I कुछ विवरण नीचे दिये जा रहे हैं I

 

उर्दू का आरम्भिक युग

यह किताब उर्दू के सुविख्यात आलोचक शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी की किताब ‘उर्दू का इब्तिदाई ज़माना’ का हिन्दी अनुवाद है I इसका प्रकाशन 2007 में राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली से हुआ था I इसमें प्रोफ़ेसर कृष्णमोहन जी (हिन्दीविभाग, बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी) के साथ सम्पादनकार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था I इस किताब का अँग्रेज़ी अनुवाद ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस से ‘Elementary Age of Urdu’ के नाम से भी आ चुका है I

अवधी ग्रन्थावली (भाग – 05)

इस विशाल ग्रन्थावली के दस खण्डों के प्रधान सम्पादक श्री जगदीश पीयूष जी हैं I इसके पाँचवें खण्ड के सम्पादकमण्डल में रहकर कार्य किया I सन 2008 में वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली ने इसे प्रकाशित किया I

सम्पादन

सम्पादन के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के काम किये I किताबों और पत्रिकाओं में मुख्य सम्पादक तथा सहसम्पादक के रूप में कार्य किया I कुछ विवरण नीचे दिये जा रहे हैं I

 

मता-ए-नाज़िश (नाज़िश ग्रन्थावली, भाग- 01)

यह प्रतापगढ़ ज़िले के जानेमाने शायर नाज़िश प्रतापगढ़ी साहब की ग्रन्थावली का पहला भाग है I

 

नज़्म प्रसंग

यह समकालीन नज़्म पर आधारित एक साझा संग्रह है I इसमें हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के कुछ युवा शायरों की नज़्में संकलित की गयी हैं I

 

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अनुवाद

उर्दू से हिन्दी अनुवाद के कई काम किये हैं I इनमें से कुछ के विवरण निम्नलिखित हैं….

घूमती नदी

ये किताब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के फ़ारसी के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. वारिस किरमानी की आत्मकथा का हिन्दीअनुवाद है I इसका प्रकाशन 2011 में राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली से हुआ था I

मीर की कविता और भारतीय सौन्दर्यबोध

यह किताब उर्दू के सुविख्यात आलोचक शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी की किताब ‘शेरेशोरअंगेज़’ भाग– 01 का हिन्दीअनुवाद है I इसका प्रकाशन 2014 में ज्ञानपीठ, नई दिल्ली से हुआ था I

अनुवाद

उर्दू से हिन्दी अनुवाद के कई काम किये हैं I इनमें से कुछ के विवरण निम्नलिखित हैं….

गुमान

लिप्यन्तरण और अनुवाद

मशहूर शायर जौन एलिया की कई किताबों में से ‘गुमान’ (२००४) का हिन्दी में लिप्यन्तरण सबसे पहले हिन्दी पाठकों के सामने आया I इस हिन्दी लिप्यन्तरण के प्रकाशक और मेरे घनिष्ठ मित्र पराग अग्रवाल साहब ने जौन एलिया को हिन्दी में लाने के लिए ही Anybook नाम से पब्लिकेशन का काम शुरू किया था I जौन साहब के अन्य ग़ज़लसंग्रहों को भी बाद में इन्होंने प्रकाशित किया I कुछ अरसे बाद कॉपीराइट से सम्बन्धित कुछ मामलों के कारण इन्होंने जौन साहब की किताबों के नये संस्करण नहीं छापे I वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली से जौन साहब की जो किताबें आजकल उपलब्ध हैं उनमें कई Anybook के द्वारा प्रकशित किताबों के नये संस्करण हैं I

 

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